
गोरखपुर के पिपराइच क्षेत्र में दीपक गुप्ता की निर्मम हत्या ने न सिर्फ इलाके में हलचल मचा दी, बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार के स्तर पर भी कार्रवाई को मजबूर किया। सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर परिसर में दीपक गुप्ता के परिजनों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी।
₹5 लाख की सहायता, न्याय का भरोसा
मुख्यमंत्री योगी ने दीपक के माता-पिता और चाचा को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता का चेक सौंपा। चेक सौंपते हुए उन्होंने दीपक के पिता के कंधे पर हाथ रखकर भावनात्मक समर्थन दिया और कहा:
“सरकार आपके साथ है। दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा।”
अधिकारियों को निर्देश: कार्रवाई हो सख्त और तुरंत
मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों को सख्त लहज़े में निर्देश दिया कि:
जांच तेज़ी से पूरी की जाए, दोषियों की गिरफ्तारी में ढिलाई न हो, फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चले। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि लापरवाही पाई गई, तो जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
पशु तस्करी का मुद्दा फिर चर्चा में
यह मामला इसलिए और संवेदनशील हो गया क्योंकि दीपक गुप्ता की हत्या का संबंध पशु तस्करों से बताया जा रहा है। यूपी में पहले भी इस तरह के मामलों को लेकर कानून-व्यवस्था पर सवाल उठते रहे हैं। मुख्यमंत्री ने यह संकेत दिया कि अब इस विषय पर “सिस्टम साइलेंट नहीं रहेगा”, बल्कि प्रभावी एक्शन होगा।
स्थानीय जनता की मांग: सिर्फ सांत्वना नहीं, सज़ा भी हो सख्त
दीपक गुप्ता की मौत से पिपराइच और आसपास के इलाके में जनाक्रोश देखा गया है। लोगों की मांग है कि:

हत्यारों को फांसी मिले
पशु तस्करी पर स्थायी रोक लगे
परिवार को सरकारी नौकरी भी दी जाए
न्याय की उम्मीद, कानून का संदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यह मुलाकात सिर्फ एक औपचारिकता नहीं, बल्कि एक राजनीतिक और प्रशासनिक संदेश थी — कि उत्तर प्रदेश में अब कानून अपने हाथ में लेने वालों के लिए कोई सहानुभूति नहीं होगी।
अब देखना है कि दीपक गुप्ता के हत्यारों को कब और कैसी सज़ा मिलती है — और क्या यह केस पशु तस्करी पर निर्णायक चोट बन पाएगा?
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